पहले हेपटाइटिस बाद मे हेपटाइटिस और परैलिसिस, 14.09.2024 मे भर्ती मरीज के ECG रिपोर्ट 23.02.2022 के फर्जी दस्तावेज, मरीज और सेवानिवृत्त सैन्य कर्मी के हस्ताक्षर से सरकारी पैसे का गबन और चिकित्सीय लापरवाही से मरीज पहले लकवाग्रस्त अंत में मृत्यु के मामले में चिकित्सक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश
• बलिया सीजेएम बलिया (शैलेश पांडे) की अदालत ने लापरवाही में मृत्यु के मामले में चिकित्सक के विरुद्ध गौरव मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बलिया व अन्य के ख़िलाफ़ बलिया कोतवाली थानाध्यक्ष को मुकदमा दर्ज कर तीन दिन के भीतर न्यायालय को अवगत कराने का आदेश दिया है। आवेदक कन्हैया मिश्रा ने अपने अधिवक्ता करुनेश सिंह, सौम्या चौबे,, शैलेश कुमार और संजय कुमार के माध्यम से कोर्ट में बीएनएनएस की धारा 173 (4) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था।
• आवेदक कन्हैया मिश्रा का आरोप है की 14 सितंबर 2024 को वह अपनी मां को ECHS polyclinic ,बलिया ले गया था, जिन्हें लगभग एक सप्ताह से बुखार और बांए घुटने में दर्द था। प्रार्थी की मां की जांच ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक बलिया से चिकित्सा अधिकारी द्वारा की गयी और उन्हें आगे चिकित्सा विशेषज्ञ के पास रेफरल आदेश 14 सितंबर 2024 के माध्यम से भेजा गया। रेफरल आदेश(09:43 AM) की सहायता से उसी दिन यानी 14 सितंबर 2025 को सुबह 10.37 AM बजे इलाज के लिए गौरव हॉस्पिटल, बलिया गया। डॉक्टर डी राय (डॉ ददन राय) द्वारा आकलन के बाद प्रार्थी की मां को उस दिन उनका रक्तचाप बहुत अधिक था शुगर का स्तर गंभीर था और हेपटाइटिस दिखा कर उन्हें तत्काल भर्ती कर दिया गया। इसके बाद उन्हें लगभग एक सप्ताह अस्पताल में रखकर इलाज किया गया उसके बाद प्रार्थी की माता के हाथ में समस्या बतायी गयी क्योंकि वह फोन नही उठा पा रही थी डॉक्टर ने सांत्वना दिया की दवा की वजह से कमजोरी हो गई है ठिक हो जाएगा गलत इलाज किया गया और उनका स्वास्थ्य बिगड़ता चला गया। इस संबंध में इलाज के पर्चे और दस्तावेज मांगे गये तो कन्हैया को जान से मारने की धमकी दी गई। इस पर प्रार्थी अपनी माता को आनन फानन में बेहोशी की हालत में बनारस ले जाया गया जहां पता चला कि प्रार्थी की माता को बाई तरफ का लकबा हो गया है तथा लगभग 12 दिन तक अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया गया। कथित तौर पर जब से प्रार्थी की माता लकबा ग्रस्त हो गयी और 27.10.2025 को उनकी गंभीर बीमारियों और असहनीय पीड़ा के कारण उनकी मृत्यु हो गई। कथित तौर पर वास्तविक रूप से जो दस्तावेज प्रार्थी को प्राप्त कराया गया है वह जाली दस्तावेज थे। गौरव हॉस्पिटल, बलिया द्वारा तीन अलग-अलग रेफरल डिस्चार्ज समरी प्रदान की गयी और सभी एक दूसरे के विरोधाभासी थी, 14.09.2024 मे भर्ती मरीज के ECG रिपोर्ट 23.02.2022 के दिए गए। दिनांक 14 सितंबर 2024 के रिकॉर्ड में यह बिल्कुल स्पष्ट है कि प्रार्थी की मां स्वस्थ थी और चलने फिरने की स्थिति में थी और केवल बुखार और घुटने के दर्द की शिकायत के साथ गौरव हॉस्पिटल आई थी। इस प्रकार डॉ. डी. राय ने इलाज में घोर चिकित्सा लापरवाही की, जिसके कारण प्रार्थी की मां को लकवा मार गया और वह स्थायी तौर पर विकलांग व चलने फिरने में असमर्थ थी और अंत मे उनकी मृत्यु हो गई तथा कई नागरिकों के साथ-साथ सैन्य कर्मियों / उनके आश्रितों को भी इसी तरह की परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है और पैनल में शामिल होने की तारीख से लेकर आज तक डॉक्टर के दुव्यर्वहार के कारण कई भूतपूर्व सैनिकों की मृत्यु हो गयी और प्रार्थी द्वारा सैन्य अधिकारियों को विस्तृत जाँच के लिए आवेदन दिया गया जिसमें सैन्य अधिकारियों द्वारा भी मामले को दबाने की कोशिश की गई ।इस प्रकरण की जानकारी रेजिस्टर्ड डाक के माध्यम से ऊ०प्र० मेडिकल कौंसिल (लखनऊ), जिला अधिकारी (बलिया),मुख्य चिकित्सा अधिकारी (बलिया),पुलिस अधीक्षक (बलिया) को 23.04.2025 को प्रथम सूचना दी गई बाद मे अनुस्मारक I 19.05.2025,अनुस्मारक II 18.06.2024 दिया गया की बार अधिकारियों से मिलने पर भी राहत नही मिला और जिला प्रसासन द्वारा संयुक्त रूप से मामले को दबाने की कोशिश की गई अंत मे थक हर के प्रार्थी न्यायलय की शरण मे न्याय के लिए गुहार लगाया।