Court News : आरोपी को संदेह का लाभ, सभी गंभीर आरोपों से बरी, विशेष सत्र न्यायालय का अहम फैसला!

Vishal Dubey
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वाराणसी। विशेष सत्र न्यायालय ने एक अहम फैसले में बलात्कार, अपहरण और पॉक्सो एक्ट जैसे गंभीर आरोपों से आरोपी धनंजय मिश्र पुत्र अरुण कुमार मिश्र को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया है। यह फैसला सत्र परीक्षण संख्या 180/2017 (सरकार बनाम धनंजय मिश्र) में सुनाया गया।

क्या था मामला?
अभियोजन के अनुसार आरोपी पर पीड़िता के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने, अश्लील हरकतें करने और अपहरण जैसे आरोप लगाए गए थे। मामले में IPC की धारा 354, 354(क), 452, 504, 506 तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 7/8 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

 कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायालय ने अपने विस्तृत आदेश में कहा कि—
• पीड़िता के बयान धारा 161 व 164 CrPC में आपस में पूरी तरह संगत नहीं पाए गए।
• अभियोजन पक्ष आरोपों को युक्तियुक्त संदेह से परे सिद्ध करने में असफल रहा।
• केवल पुलिस के समक्ष दिए गए बयान को ठोस साक्ष्य नहीं माना जा सकता, इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों बालदीन बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (AIR 1956 SC 181) और जॉर्ज बनाम केरल राज्य (AIR 1998 SC 1376) का हवाला दिया गया।
• न्यायालय ने स्पष्ट किया कि आपराधिक मामलों में संदेह का लाभ आरोपी को दिया जाना न्याय का मूल सिद्धांत है।

अंतिम आदेश
न्यायालय ने आरोपी को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया। साथ ही, पहले से दी गई जमानत को समाप्त करते हुए बंधपत्र निरस्त कर दिए गए। हालांकि, आरोपी को निर्देश दिया गया कि वह ₹50,000 का व्यक्तिगत बंधपत्र और इतनी ही राशि का एक जमानती सात दिनों के भीतर प्रस्तुत करे।

कानूनी दृष्टि से अहम फैसला
यह निर्णय एक बार फिर स्पष्ट करता है कि केवल आरोप या बयान के आधार पर सजा नहीं दी जा सकती, जब तक कि अभियोजन अपने साक्ष्यों से मामला संदेह से परे सिद्ध न कर दे।

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