वाराणसी में फास्ट ट्रैक कोर्ट-1 में एक जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान शुरू हुआ तनाव बाद में हिंसक रूप ले बैठा। जानकारी के मुताबिक, रामनगर थाने के केस में आरोपी अंशुल केशरी और शिव केशरी की जमानत अर्जी अधिवक्ता राहुल राज ने दाखिल की थी। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी मनोज गुप्ता ने आरोपियों के अपराधों और धाराओं का हवाला देकर जमानत का कड़ा विरोध किया। दलीलें सुनने के बाद अदालत ने याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट से बाहर निकलते किया आपत्तिजनक टिप्पणी दो दिनों तक की रैकी
कोर्ट से बाहर निकलते ही राहुल राज ने मनोज गुप्ता पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्हें चेतावनी देते हुए वहां से चला गया। बताया जा रहा है कि इसके बाद दो दिनों तक मनोज गुप्ता की गतिविधियों पर नजर रखी गई।
7 नवंबर की शाम जब मनोज गुप्ता लाइब्रेरी में केस से जुड़े दस्तावेज पढ़ रहे थे। तभी राहुल राज वहां पहुंचा और नाम लेकर आवाज लगाने लगा। आपत्ति जताने पर दोनों के बीच कहासुनी हो गई। गुप्ता बाहर निकलने लगे तो राहुल ने रास्ता रोककर मोबाइल पर साथियों को बुला लिया। कुछ ही मिनट में विकास चौहान, प्रमोद मौर्या, हर्ष सोनकर, अंकित केसरी, सलमान शाही सहित कई अन्य लोग पहुंचकर उन्हें घेर लिया।
सेंट्रल बार ने 3 वर्षों के लिए किया निष्कासित
आरोप है कि समूह ने मिलकर लात-घूसों और डंडों से मनोज गुप्ता की बेरहमी से पिटाई की। जिससे उन्हें अंदरूनी व बाहरी दोनों तरह की चोटें आईं। शोर सुनकर अन्य वकील पहुंचे और स्थिति को शांत कराया। इसके बाद बार परिसर में भारी नाराजगी फैल गई। घटना के बाद सेंट्रल बार एसोसिएशन की आपात बैठक बुलाई गई। जिसमें आरोपी अधिवक्ता राहुल राज को तत्काल सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया और अगले तीन वर्षों तक बार में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया। प्रस्ताव यह भी पारित हुआ कि उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए और बार काउंसिल से पंजीकरण रद्द करने की संस्तुति भेजी जाए।
कुछ नाम जद और अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज
रात में मनोज गुप्ता की तहरीर पर कैंट थाने में राहुल राज, विकास चौहान, प्रमोद मौर्या, हर्ष सोनकर, अंकित केसरी, सलमान शाही तथा 4–5 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस सीसीटीवी फुटेज और बार परिसर की वीडियो रिकॉर्डिंग खंगालकर हमलावरों की तलाश में जुटी है। सेंट्रल बार अध्यक्ष मंगलेश सिंह का कहना है कि घटना बार की गरिमा पर सीधा हमला है और जांच रिपोर्ट आने पर प्रतिबंध की अवधि और बढ़ाई जा सकती है।