राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (PGI) में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और पिछले कुछ दिनों से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। उनके निधन की खबर मिलते ही अयोध्या में शोक की लहर दौड़ गई। संत समाज, श्रद्धालु और राम भक्तों ने उनके निधन पर गहरा दुःख प्रकट किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई प्रमुख संतों और राजनेताओं ने शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। आचार्य सत्येंद्र दास जी राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में वर्षों से सेवा में समर्पित थे। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन से लेकर मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह तक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सत्येंद्र दास जी का जीवन परिचय
आचार्य सत्येंद्र दास जी जन्म से ही धार्मिक प्रवृत्ति के थे और वे वर्षों तक राम जन्मभूमि मंदिर में मुख्य पुजारी के रूप में सेवा करते रहे।
उन्होंने राम मंदिर आंदोलन के दौरान भी मंदिर परिसर में पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों का नेतृत्व किया।
वे अयोध्या के प्रमुख संतों में से एक थे और पूरे देश में उनकी विशेष पहचान थी।
उनकी सरलता, भक्ति और निष्ठा के कारण वे राम भक्तों के बीच बेहद सम्मानित थे।
माघ पूर्णिमा के पवित्र दिन सुबह सात बजे के लगभग उन्होंने पी जी आई लखनऊ में अंतिम सांस ली, वे वर्ष 1993 से श्री रामलला की सेवा पूजा कर रहे थे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय व मन्दिर व्यवस्था से जुड़े रहे। राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का ब्रेन हेमरेज से हुआ निधन।
बीमारी और निधन का कारण
आचार्य सत्येंद्र दास जी कई महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे।
उन्हें स्वास्थ्य संबंधी जटिल समस्याएं थीं, जिसके चलते उन्हें लखनऊ पीजीआई में भर्ती कराया गया था।
चिकित्सकों ने पूरी कोशिश की, लेकिन आखिरकार 12 फरवरी 2025 की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
अंतिम संस्कार और श्रद्धांजलि सभा
उनका अंतिम संस्कार अयोध्या में पूरे विधि-विधान के साथ किया जाएगा।
कई प्रमुख संत, राजनेता और श्रद्धालु उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होंगे।
राम मंदिर परिसर में विशेष श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा।
संत समाज ने उनके निधन को सनातन धर्म के लिए बड़ी क्षति बताया है।
संत समाज और नेताओं की प्रतिक्रियाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ – “आचार्य सत्येंद्र दास जी का निधन अपूरणीय क्षति है। उनका जीवन भक्ति और सेवा का प्रतीक था। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।”
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट – “हमने एक महान संत को खो दिया। उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।”
अयोध्या के संत समाज – “सत्येंद्र दास जी जैसे समर्पित संत का जाना हम सभी के लिए एक बड़ी क्षति है।”
सत्येंद्र दास जी और राम मंदिर आंदोलन
उन्होंने राम मंदिर आंदोलन के समय अयोध्या में पूजा-पाठ और अनुष्ठान का नेतृत्व किया।
बाबरी विध्वंस के समय भी वे मंदिर परिसर में पूजा कर रहे थे।
उन्होंने हमेशा अयोध्या में शांति और सौहार्द बनाए रखने का संदेश दिया।
राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया के दौरान उन्होंने सभी धार्मिक अनुष्ठानों को संपन्न कराया।