गुरुवार को बकरीद मनाया जाएगा। इस मौके पर मुस्लिम धर्मावलंबियों ने समाज के लोगों सावधानी से त्योहार मनाने की अपील की गई है। मुल्क और नगर वासियों को “मुत्ताहिदा उलमा काउंसिल” ने दिली मुबारकबाद पेश की। कहा कि शांतिपूर्वक माहौल में बकरीद मनाए। मुत्ताहिदा उलमा काउंसिल के संयोजक अमीनुद्दीन और मौलाना मुफ्ती अब्दुल बातिन नौमानी, मुफ्जी हारुन रशीद, मौलाना अब्दुल्लाह नासिर कासमी, मौलाना अहसन जमील मदनी, सैयद जफरूल हुसैनी, गुलाब नबी आदि ने यह अपील जारी की है।
इन अपीलों पर अमल करने की हिदायत दी गई है....
जानवरों की कुर्बानी के बाद उनके खून, मल, चमड़े आदि को सुव्यवस्थित करें।
कुर्बानी के जानवर और कुर्बानी पेश करते वक्त की फोटो निकालने और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से बचें। समाज की मुख्य धारा में शामिल रहने की कोशिश करें
कुर्बानी के बाद जानवरों के वेस्ट को नगर निगम द्वारा निर्धारित स्थानों पर रखें।
जानवरों के खून, मल आदि को किसी बोरे, थैलों में बांध कर कंटेनर में रखने की व्यवस्था करें।
कुर्बानी से निकली गंदगी को सड़क और गली के रास्तों में डालने से बचें, ताकि राहगीरों और पड़ोसीयों को किसी भी प्रकार की दिक्कत और परेशानी का सामना न करना पड़े।
साफ-सफाई का आयोजन बेहतर ढंग से हो। लापरवाही बरतना देश के कानून और इस्लामी शिक्षाओं का भी गंभीर उल्लंघन है। इसके कारण स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है।
कुर्बानी के गोश्त को कपड़े या पेपर में लपेटकर ही लोगों में बांटें।
खुले और सार्वजनिक स्थानों, गली मुहल्लों के रास्तों पर कुर्बानी करने से बचें। ऐसा कोई काम न करें जिससे समाज में गलत संदेश जाए और हमारे मजहब और कौम की बदनामी हो।
कुर्बानी पेश करने के दौरान, खून से सने कपड़ों और अंग प्रदर्शन से बचें। जानवरों को हलाल करने के लिए इस्तेमाल किए गए औजारों को छिपा कर ही एक दूसरे के घरों में जाएं।
कुर्बानी के बकरे खरीदने में रखें ये सावधानियां
लंगड़ा-लूला न हो। शरीर पर किसी भी तरह का कट का निशान न हो।
कान न कटा हो। लंबे कान हों।
उम्र 19 महीने के आसपास हो।
मजबूत शरीर और हाइट जितनी ज्यादा हो उतना बेहतर।
किसी भी तरह से बीमार न हो।
एक या दोनों सींग जड़ से उखड़े हों।