हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने से पहले चार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) सहित छह संस्थाएं अदाणी समूह के शेयरों में संदिग्ध व्यापार के लिए जांच के दायरे में हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने इसकी जानकारी दी है। 178 पेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने से पहले अदाणी के शेयरों में शॉर्ट पोजिशन का निर्माण हुआ, जिसके बाद पर्याप्त मुनाफा दर्ज किया गया था।
कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला'
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में इसे 'कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला' करार दिया है। 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद अदाणी समूह के शेयरों में गिरावट आई थी। रिपोर्ट के जारी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च को विशेषज्ञ समिति का गठन किया और कहा कि अगर शेयर की कीमतों में हेरफेर की गई थी, तो इसकी जांच की जाएगी।
क्या कहती है एक्सपर्ट पैनल
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एएम सप्रे की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति ने मार्च 2000 और दिसंबर 2022 के बीच अदाणी समूह की कंपनियों की कीमतों में तेज वृद्धि और 24 जनवरी के बाद उनके मंदी के दौरान कोई नियामक विफलता नहीं पाई।