काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सर सुंदरलाल अस्पताल में पहली बार हार्ट ऑरटिक रूट रिप्लेसमेंट किया गया। आजमगढ़ से आई 57 साल की महिला की सफल सर्जरी हुई। अस्पताल के कार्डोथोरेसिक और वाॅस्कुलर सर्जरी के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने यह सर्जरी की है। डॉ. कुमार ने बताया कि दिल से जुड़ी धमनियों को बदला दिया गया है। अब मरीज स्वस्थ है। उसे आगे के लिए कोई खतरा नहीं है। इस रिप्लेसमेंट के बाद अब हार्ट ट्रांसप्लांट की तैयारियां की जा रहीं हैं। डॉ. कुमार ने बताया कि यह एक घातक बीमारी है। इसका इलाज सिर्फ ऑपरेशन है।
डॉ. कुमार के अनुसार, धमनियों में मौजूद दिक्कतों का यदि सही समय पर आपरेशन न किया जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकती है। उन्होंने बताया कि इलाज के अभाव में मरीज को सीने मे दर्द, सांस फूलने और बेचैनी जैसी समस्या बनी रहती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ जीवनशैली भी प्रभावित होने लगती है। समय रहते यदि ऑपरेशन करके आओर्टिक रूट को बदल दिया जाए, तो मरीज अपना जीवन साधारण तरीके से व्यतीत कर सकता है। डॉ. संजय कुमार ने कहा कि 2009 में उनके द्वारा शुरू की गई ओपेन हार्ट सर्जरी अब कार्डोथोरेसिक विभाग में नियमित तौर पर चलती है। अब तक लाखों मरीजों की दिल से जुड़ी बीमारियां यहां पर ठीक की जा चुकीं हैं।
BHU में हार्ट ट्रांसप्लांट शुरू करने की तैयारी
डॉ. संजय कुमार ने कहा कि उन्होंने अमेरिका के येल यूनिवर्सिटी, स्कूल ऑफ मेडिसिन कनेक्टिकट में कई सफल ट्रांसप्लांट किए हैं। अब BHU में हार्ट ट्रांसप्लांट की शुरुआत करना चाहते हैं। उसके लिए कई प्रयास भी कर रहे हैं, जिससे गंभीर हृदय रोगियों को उनका जीवन दान मिल सके।
टीम में ये लोग थे शामिल
इस आपरेशन में एनेस्थिसिया विभाग के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ. आरबी सिंह के साथ उनके विभाग के जूनियर डॉक्टर्स रहें। परफ्यूजनिस्ट से दिनेश मैती, सौम्यजीत रॉय और अखिलेश मौर्या रहें। ओटी नर्सिंग टीम में त्रिवेंद्र त्यागी, राहुल, चितरंजन, विकास और सहायक सर्जन के तौर पर डॉ. देव विश्वास और डॉ. मेघना बनर्जी शामिल रहे ।