बांदा जेल में बंद मुख्तार की पेश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई, जबकि अफजाल खुद कोर्ट पहुंचे थे। अफजाल अंसारी को दो साल से ज्यादा की सजा हुई है। ऐसे में उनकी संसद सदस्यता जाना तय है। शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की है।
अफजाल को भेजा गया जेल
अफजाल को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गाजीपुर जेल भेज दिया गया है। 30 दिन के अंदर फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील कर सकेंगे। गैंगस्टर एक्ट का ये मामला 2007 में कृष्णानंद राय की हत्या (2005) के दो साल बाद पुलिस ने दर्ज किया था। यह केस राय की हत्या के बाद हुई आगजनी, बवाल और कारोबारी नंद किशोर रुंगटा की अपहरण-हत्या को आधार बनाते हुए पुलिस ने मुख्तार और अफजाल पर दर्ज किया था।
गैंगस्टर एक्ट के जिस मामले में कोर्ट ने मुख्तार को सजा सुनाई है। वह मामला 2007 का है। कृष्णानंद राय की हत्या (2005) के 2 साल बाद 22 नवंबर 2007 को गाजीपुर की मुहम्मदाबाद पुलिस ने गैंगस्टर (गिरोह बंद अधिनियम) के तहत केस दर्ज किया था।
इस केस में पुलिस ने कृष्णानंद राय की हत्या, उसके बाद हुई आगजनी-बवाल और कारोबारी नंद किशोर रुंगटा की अपहरण-हत्या को आधार बनाते हुए दर्ज किया था। हालांकि, कृष्णानंद राय और नंद किशोर रुंगटा की हत्या में दोनों भाई (मुख्तार-अफजाल) बरी हो चुके हैं।
अपडेट्स...
जज ने जब मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई। उस वक्त अफजाल अंसारी को कोर्ट से बाहर कर दिया गया।
कोर्ट के बाहर RAF तैनात है। बाहरी शख्स की एंट्री बंद कर दी गई। मीडिया कर्मियों को भी कोर्ट परिसर से बाहर कर दिया गया।
बसपा सांसद अफजाल अंसारी गाजीपुर कोर्ट पहुंच गए। उनकी दो कारों को कोर्ट कैंपस में आने की अनुमति दी गई।
बांदा जेल में बंद मुख्तार को गाजीपुर कोर्ट नहीं लाया गया है। वह जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी में शामिल हुए।
16 साल बाद आया फैसला
2007 के बाद यानी 16 साल से यह मामला गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट में है। इस मामले में 15 अप्रैल को फैसला आना था। हालांकि, जज के छुट्टी पर जाने से सुनवाई टल गई थी। पिछले साल 23 सितंबर 2022 को दोनों भाई पर गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोप तय हुए थे। इसके बाद वादी पक्ष की तरफ से गवाही और बहस पूरी हो चुकी थी। मामले में सांसद अफजाल अंसारी जमानत पर बाहर हैं।
2005 में हुई पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की हत्या मामले में कोर्ट अंसारी बंधु को बरी कर चुकी है। लेकिन, गैंगस्टर एक्ट का यह मामला इसी से जुड़ा है। ऐसे में कोर्ट के फैसले से पहले कृष्णानंद राय की पत्नी अल्का राय ने मीडिया से बात की। कहा, "मुझे न्यायिक व्यवस्था पर भरोसा है।"
वहीं, पिछले दिनों अफजाल अंसारी ने कहा था, "हम पर हत्या का जो केस लगाया था उसमें कोर्ट बरी कर चुका है। ऐसे में गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे का कोई आधार नहीं बनता है। कोर्ट पर भरोसा है।" दरअसल, हत्या से बरी होने की बात को आधार मानते हुए अफजाल अंसारी ने गैंगस्टर केस के खिलाफ हाईकोर्ट गए थे। हालांकि, वहां राहत नहीं मिली थी