देव दिवाली तक वाराणसी होगा बेगारी से मुक्त:डीएम ने बनाया बाल संरक्षण व बाल कल्याण कोष; चाइल्ड लेबर के शिकार बच्चों को मदद

Vishal Dubey
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वाराणसी जिला प्रशासन ने देव दिवाली से पहले जिले को चाइल्ड लेबर (बालश्रम) और बेगारी से बच्चों को मुक्त कराने का खाका खींच लिया है। विकास भवन के सभागार में हुई जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है। बेगारी और चाइल्ड लेबर के शिकार बच्चों को रेस्क्यू करने की जिम्मेदारी जिले के वाइस लेबर कमिश्नरों को दी गई है। लेबर डिपार्टमेंट अपने सभी अधिकारियों को शहर के हर चौराहे पर आने जाने वाले ऐसे बच्चों पर नजर रखेगा। इसके साथ ही संबंधित थाने की पुलिस को इस कार्य में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है। चौराहा के अलावा ईट भठ्ठों, इंडस्ट्रियल एरिया में भी समय-समय पर अधिकारी निरीक्षण करके बाल श्रम में लिप्त बच्चों को मुक्त कराएंगे। इसकी रिपोर्ट बाल कल्याण समिति को सौपेंगे।

इसके साथ ही वाराणसी में बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति, बाल विवाह, बाल यौन शौषण, बाल तस्करी और बच्चों को गंभीर बीमारी से बचाने के लिए बाल संरक्षण व बाल कल्याण कोष का गठन किया जाएगा। समिति की बैठक में आज जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस कोष के जरिये जरूरतमंद बच्चों को तत्काल मदद दी जाएगी। कोई भी व्यक्ति इस कोष में सहायता राशि जमा कर सकता है। डीएम खुद भी जरूरत पड़ने पर किसी बच्चे की मदद के लिए इस कोष से पैसे निकाल सकते हैं। कोष का संचालन डीएम और जिला बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। वहीं इसकी कागजी कार्यवाही जिला बाल संरक्षण इकाई में होगी।

कोविड में माता-पिता खो चुके 202 बच्चों को मिले 12 हजार रुपए

जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि कोविड के कारण बहुत से बच्चों ने अपने माता-पिता और अभिभावक खो दिए हैं। ब्लॉक तथा तहसील स्तर से कुल 248 ऐसे एप्लीकेशन मिल चुके हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड 19) का लाभ दिया जाना है। इसमें 202 बच्चों के खाते में तीन महीने की धनराशि भेज दी गई है। हर बच्चे को 12000 रुपए दिए गए हैं। इस योजना में मार्च 2020 के बाद जिस किसी बच्चे के माता-पिता अथवा दोनों की मौत हुई हो वह किसी भी कारण से हो उन्हें 2500 रुपए हर महीने देने का प्रावधान है। इसके तहत 68 बच्चों के आवेदनपत्र डीटीएफ से स्वीकृत हो चुके है।

अराजी लाइन में सबसे अधिक 87 केस लंबित

स्पॉन्सरशिप योजना में विकासखंड के अनुसार बाल संरक्षण से जुड़े लंबित एप्लीकेशसं की भी समीक्षा की गई। इसमें अराजी लाइन में सबसे अधिक 87, काशी विद्यापीठ में 77, पिंडरा में 6, चोलापुर में 14 एप्लीकेशन लंबित थे। मुख्य विकास अधिकारी ने इस पर सभी खंड विकास अधिकारी को पत्र लिखकर तत्काल कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।

PM CARE FUND में वाराणसी के 8 बच्चे

बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि PM CARE FUND में वाराणसी के 8 बच्चों का नाम सामने आया है। इनके माता और पिता दोनों की मृत्यु हो गई। बैठक में निर्देश दिया गया कि शिक्षा विभाग, बाल विकास पुष्टाहार विभाग, श्रम विभाग और पुलिस विभाग के सभी लोग अपने स्तर पर बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। ये विभाग आज ये सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी बच्चा बालश्रम में न हो। अगर ऐसा पाया जाता है तो तत्काल जिला स्तर पर सूचना दे।

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