अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का शुभारंभ आज:अमित शाह वाराणसी में देश भर के सरकारी विभागों से अधिक से अधिक काम हिंदी में करने की करेंगे अपील 2021

Vishal Dubey
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केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह आज सुबह 10:15 बजे वाराणसी के दीन दयाल हस्तकला संकुल में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का शुभारंभ करेंगे। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य यह है कि आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली भाषा हिंदी का राजभाषा के रूप में प्रचार-प्रसार किया जाए। इसके साथ ही सभी लोग अपने संवैधानिक दायित्व को ऊपर रखते हुए अधिक से अधिक सरकारी काम हिंदी में ही करें।

विदेशों में 30 करोड़ लोग हिंदी भाषी हैं

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि बीते 7 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से हिंदी बोलने, लिखने और पढ़ने वालों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय में 100 प्रतिशत काम हिंदी में हो रहा है। 80 प्रतिशत से अधिक सांसद हिंदी में भाषण देते हैं। इस समय भारत मे 90 करोड़ से ज़्यादा लोग हिंदी बोलते और समझते हैं। विदेशों में भी 30 करोड़ से अधिक हिंदी भाषी हैं। विश्व के 150 देशों में 18 से 20 प्रतिशत लोग हिंदी बोलते और समझते हैं और 600 से अधिक महाविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जा रही है।

संयुक्त राष्ट्र संघ का काफी काम हिंदी में

मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि अब संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी काफी काम हिंदी में करना शुरू कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र संघ के समाचार, ट्विटर और सोशल मीडिया एकाउंट भी हिंदी में हैं। मिश्रा ने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव का वर्ष चल रहा है। यह वर्ष देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महापुरुषों को याद करने का भी है।

सम्मेलन में आयोजित होंगे यह कार्यक्रम

  • आज सुबह 10:15 बजे सम्मेलन के मुख्य अतिथि गृह मंत्री कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।
  • दोपहर के भोजन के बाद दीनदयाल हस्तकला संकुल (व्यापार सुविधा केंद्र एवं शिल्प संग्रहालय) के 2 सभागारों में 3-3 सत्र आयोजित किए जाएंगे। 1 सभागार में पहला सत्र स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्र भारत में संपर्क भाषा एवं जनभाषा के रूप में हिंदी की भूमिका और दूसरा सत्र राजभाषा के रूप में हिंदी की विकास यात्रा और योगदान विषय पर आयोजित किया जाएगा। इन दोनों सत्रों के समानांतर सत्र दूसरे सभागार में होंगे, जिनमें एक का विषय मीडिया में हिंदी प्रभाव एवं योगदान और दूसरे का विषय वैश्विक संदर्भ में हिंदी : चुनौतियां और संभावनाएं होगा। तीसरे सत्र में भाषा चिंतन की भारतीय परंपरा और संस्कृति के निर्माण में हिंदी की भूमिका विषय पर वक्ता अपनी बात रखेंगे। इसी के समानांतर सत्र में न्यायपालिका में हिंदी-प्रयोग और संभावनाएं विषय पर चर्चा की जाएगी।
  • शाम 7 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
  • 14 नवंबर को सुबह मुंशी प्रेमचंद के गांव लमही में प्रेमचंद संस्थान में मुंशीजी की प्रतिमा पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए जाएंगे।
  • 10:30 बजे से दीनदयाल हस्तकला संकुल (व्यापार सुविधा केंद्र एवं शिल्प संग्रहालय) में दो सत्र रंगमंच सिनेमा व हिंदी और काशी का हिंदी साहित्य में योगदान विषय पर आयोजित किए जाएंगे।
  • कार्यक्रम का समापन दोपहर 12:30 बजे से 1 बजे के बीच होगा।

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