वाराणसी। चेतगंज थाना में मानव तस्करी के दर्ज एक आपराधिक मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट (प्रथम) कुलदीप सिंह की अदालत ने जयपुर निवासी मनीष जैन, शिवदासपुर (मंडुवाडीह) निवासी संतोष गुप्ता, शिखा देवी, शिवम गुप्ता उर्फ प्रवीण मोदनवाल और हजारीबाग (झारखंड) के मदन मोदी को दोषमुक्त कर दिया। अदालत में दोषमुक्त आरोपित मदन मोदी की ओर से अधिवक्ता प्रज्ञान तिवारी, रोहित मिश्रा, शुभम मिश्रा, अनुराग त्रिपाठी, विशाल दुबे ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार चेतगंज थाना क्षेत्र के सेनपुरा मोहल्ला निवासी शमशेर सिंह ने 29 मई 2023 को मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि घर में पारिवारिक विवाद होने पर सेनपुरा मोहल्ला निवासी समसेर अपना परिवार लेकर अंधरापुल के नीचे रहने लगा। मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा था। वह 28 मार्च 2023 की रात में परिवार संग सोया था। सुबह जगा तो साथ में सो रही एक साल की उसकी मासूम बेटी गायब थी। काफी खोजबीन के बाद उसका कोई सुराग न मिलने पर उसने चेतगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया। दौरान विवेचना संदिग्धों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने हजारीबाग (झारखंड) निवासी मदन मोदी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में मदन मोदी ने पुलिस को बताया कि उक्त बच्ची को लेकर जयपुर निवासी मनीष जैन कोडरमा आया और उससे 50 हजार रुपया में उसे खरीदा था। बाद में उस बच्ची को दो लाख रुपया में कोलकाता निवासी अनिल बरनवाल को बेच दिया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 20 मार्च को अनिल बरनवाल को गिरफ्तार कर बच्ची को बरामद कर लिया। पुलिस ने विवेचना पूरी कर उपरोक्त छह आरोपितों के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दी। गवाहों के बयान और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने अनिल बरनवाल को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई और मदन मोदी समेत पांच को दोषमुक्त कर दिया।