भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने रविवार शाम को आंध्र प्रदेश के सतीश धवन प्रक्षेपण केंद्र पर सीएमएस-03 के प्रक्षेपण की पूरी तैयारी कर ली थी। पहली बार भारतीय धरती से सबसे भारी उपग्रह छोड़ा जाना था लेकिन मौसम सुबह से ही घने बादलों के साथ-साथ तेज हवाओं का रुख भी प्रक्षेपण के अनुकूल नहीं लग रहा था। लेकिन स्वदेशी बाहुबली रॉकेट लॉन्चर एलवीएम-3 ने खराब मौसम के बावजूद प्रक्षेपण को सफल बनाया।
'स्वेदेशी रॉकेट ने साबित की अपनी विश्वसनीयता'
इसरो प्रमुख वी नारायणन ने बाहुबली की तारीफ करते हुए कहा, स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर ने अपनी विश्वसनीयता साबित कर दी है। खराब मौसम के बावजूद इसने प्रक्षेपण को सफल बनाकर साबित कर दिया कि चुनौतियां हमें रोक नहीं सकती हैं। इसरो अध्यक्ष ने यह भी बताया कि अंतरिक्ष एजेंसी अगले पांच महीनों में सात प्रक्षेपण मिशनों को अंजाम देने की योजना बना रही है।
पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'हमारा अंतरिक्ष क्षेत्र हमें निरंतर गौरवान्वित करता है। भारत के सबसे भारी संचार उपग्रह सीएमएस-03 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई। हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की बदौलत हमारा अंतरिक्ष क्षेत्र उत्कृष्टता और नवाचार का पर्याय बन गया है। उनकी सफलताओं ने राष्ट्रीय प्रगति को आगे बढ़ाया है और अनगिनत लोगों को सशक्त बनाया है।