नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम में एक नया रंग सफेद (White) जोड़ने का प्रस्ताव दिया है। यह नया रंग खास तौर पर ऑटोनॉमस व्हीकल्स (Self-Driving Cars) (सेल्फ ड्राइविंग कार) के लिए बनाया गया है। अब तक ट्रैफिक लाइट में लाल (रुकने के लिए), पीला (सावधानी के लिए) और हरा (चलने के लिए) रंग इस्तेमाल होता है। लेकिन अब यह "सफेद लाइट" ट्रैफिक फ्लो को और सुचारू बनाने में मदद कर सकती है।
व्हाइट लाइट' का कॉन्सेप्ट
शोध के अनुसार, सफेद रंग की यह लाइट सेल्फ-ड्राइविंग कारों की टेक्नोलॉजी का उपयोग कर ट्रैफिक जाम कम करने में मदद करेगी। इस विचार को सबसे पहले 2024 में प्रोफेसर अली हजबाबाई ने पेश किया था। वे सिविल, कंस्ट्रक्शन और एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर हैं।
उन्होंने बताया, "पहले हमारे शोध में हमने 'व्हाइट फेज' का कॉन्सेप्ट रखा था, जो सेल्फ-ड्राइविंग कारों के बीच कोऑर्डिनेशन बढ़ाकर इंटरसेक्शन पर ट्रैफिक को तेजी से क्लियर करने में मदद करता है। अब हमने इसमें पैदल यात्रियों को भी शामिल किया है, और नतीजे काफी सकारात्मक रहे हैं।"
कैसे काम करेगी सफेद लाइट
यह सफेद लाइट ऑटोनॉमस वाहनों के साथ वायरलेस तरीके से संवाद करेगी। जब किसी चौराहे पर एक निश्चित संख्या में सेल्फ-ड्राइविंग कारें पहुंचेंगी, तो यह लाइट एक्टिवेट हो जाएगी। इसका मतलब यह होगा कि आसपास मौजूद मानवीय ड्राइवर अपने आगे चल रही गाड़ी को फॉलो करें, क्योंकि उस समय सेल्फ-ड्राइविंग कारें अपने आप ट्रैफिक को मैनेज कर रही होंगी।
प्रोफेसर हजबाबाई ने बताया, "जितनी ज्यादा ऑटोनॉमस गाड़ियां सड़कों पर होंगी, उतना ही बेहतर और सुरक्षित ट्रैफिक फ्लो होगा। इससे यात्रा का समय घटेगा, फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ेगी और सड़क सुरक्षा में सुधार होगा।"