छांगुर गिरोह की तर्ज पर बरेली में काम कर रहे अब्दुल मजीद के गिरोह को पाकिस्तान समेत अन्य देशों से फंडिंग की आशंका में पुलिस व एजेंसियां अलर्ट पर हैं, लेकिन भविष्य में जांच से स्थिति और स्पष्ट होने की बात अधिकारी कह रहे हैं। मजीद के तीन और पत्नी के दो खातों में 13 लाख रुपये से ज्यादा का लेनदेन है। पकड़े गए चारों आरोपियों के कुल 21 बैंक खाते मिले हैं।
भुता क्षेत्र में पकड़े गए अब्दुल मजीद के गिरोह का यूं तो बलरामपुर में धर्म परिवर्तन गैंग चलाने वाले छांगुर बाबा से कोई सीधा मतलब नहीं निकला है, हालांकि अधिकारी भविष्य की जांच में कनेक्शन निकलने की आशंका से इन्कार भी नहीं कर रहे हैं। शहर में कट्टरवादी हैदरी दल की गतिविधियां पहले ही सामने आ चुकी हैं, उसमें भी मदरसा और धर्मस्थलों से जुड़े लोग सक्रिय थे।
सोशल मीडिया पर बना रखे हैं कई ग्रुप
मजीद के गिरोह की खासियत ये है कि इसके सदस्यों ने सोशल मीडिया पर कई ग्रुप बना रखे थे। इनमें धार्मिक कट्टरपंथी जाकिर नाइक व अन्य आधुनिक सोच के मुस्लिम विद्वानों के ऑडियो व वीडियो शेयर किए जाते थे। मुस्लिम झुकाव वाले हिंदू लेखकों व विद्वानों का साहित्य डाला जाता था।
दर्जी का काम करने वाले सलमान के 12 खाते
मजीद के तीन और पत्नी के दो खातों में 13 लाख रुपये से ज्यादा का लेनदेन है। दर्जी का काम करने वाले सलमान के 12 खाते मिले हैं जिनमें से छह उसकी पत्नी के हैं। इनमें उसकी हैसियत से कहीं ज्यादा रकम मिली है। आरिफ व फहीम के दो-दो खाते मिले हैं जिनकी जांच जारी है। पत्रकार वार्ता के दौरान जिले में तैनात दो एएसपी आईपीएस अधिकारी शिवम आशुतोष व सोनाली मिश्रा भी मौजूद रही।
धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया में गिरोह ऐसे चुनता था शिकार
• तलाकशुदा या पारिवारिक कलह से परेशान लोग।
• अकेले रहने वाले या सामाजिक रूप से कटे हुए लोग।
भावनात्मक और मानसिक प्रभाव डालना
• मूल धर्म को समस्या की जड़ के रूप में प्रस्तुत करना।
• ज़ाकिर नाइक की वीडियो और ऑडियो सामग्री तथा पाकिस्तानी धर्मगुरु जैसे ईआर मिर्ज़ा की वीडियो से प्रभावित करना।