आगरा के नकली दवा माफिया को पकड़ने के लिए औषधि विभाग और एसटीएफ के 50 तेजतर्रार अधिकारियों की टीम छह ठिकानों पर जांच कर रही है। इसमें 10 जिलों से औषधि विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं। तीन दिन से चल रही कार्रवाई से दवा व्यापारियों में हड़कंप है। इससे दवा बाजार देर से खुला और कई दुकानें बंद भी रहीं।
पांच दवा कंपनियों ने उनके ब्रांड की नकली दवाओं का काला कारोबार आगरा से संचालित होने की शिकायत शासन से की। इस पर टीम गठित की। इसमें आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, एटा, इटावा, मेरठ, कानपुर, लखनऊ, बस्ती के औषधि विभाग के 25-30 अधिकारी और एसटीएफ के 20 जवान शामिल हैं। दवा कंपनियों के अधिकारी भी इनकी मदद कर रहे हैं।
इनकी छह टीमें गोदाम और मेडिकल स्टोरों पर जांच कर रही हैं। शुक्रवार से चल रही कार्रवाई से दवा व्यापारियों में हड़कंप मचा है। रविवार को बाजार दो से तीन घंटे देरी से खुला, कई दुकानदारों ने अपनी स्टोर नहीं खोले। यहां तक कई दुकानदार दवाओं का स्टॉक मंगवाने से भी बच रहे हैं। पूरे दिन दवा बाजार और थाना कोतवाली के बाहर भीड़ जुटी रही।
इस तरह हुई कार्रवाई
- शुक्रवार दोपहर 12 बजे से कार्रवाई शुरू हुई।
- शुक्रवार शाम 6 बजे छह गोदामों पर टीम पहुंची।
- रात 10 बजे चार गोदाम और मेडिकल स्टोर सील किए।
- शनिवार की सुबह 11 बजे से मोती कटरा गोदाम पर छापा।
- रात 10 बजे हिमांशु अग्रवाल रिश्वत के लिए एक करोड़ रुपये के नकदी लेकर आया।
- रात 12 बजे हिमांशु अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
- रविवार सुबह 10 बजे से देर रात तक जांच और कार्रवाई जारी।