देश के कई राज्यों में मानसून ने जबरदस्त कहर बरपाया है। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में बारिश से जुड़े हादसों में 18 लोगों की जान चली गई, जबकि राजस्थान के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। मौसम विभाग (आईएमडी) ने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केरल के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
दिल्ली में क्या है मौसम विभाग का अनुमान?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में गरज के साथ बूंदाबांदी या बारिश की भविष्यवाणी की है। वहीं शनिवार सुबह का न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री कम है। जबकि शाम 5.30 बजे सापेक्ष आर्द्रता 83 प्रतिशत दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, शाम 6 बजे दिल्ली की वायु गुणवत्ता "संतोषजनक" श्रेणी में दर्ज की गई, जिसका वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 56 था।
उत्तर प्रदेश में भारी बारिश से जानलेवा हादसे
उत्तर प्रदेश में बारिश के कारण हुई घटनाओं में 18 लोगों की मौत हो चुकी है। ये मौतें 17 और 18 जुलाई के बीच हुईं हैं। जिसमें से आठ लोग डूबने से मरे हैं, दो लोगों की मौत सांप के काटने से हुई। वहीं जिलेवार बात करें तो चित्रकूट में दो, मुरादाबाद में तीन, गाजीपुर में एक व्यक्ति की पानी में डूबने के कारण मौत हुई है। जबकि बांदा जिले में तीन, महोबा में दो और ललितपुर में एक व्यक्ति की जान बारिश से जुड़ी घटनाओं में गई।
राजस्थान में बाढ़ जैसे हालात
राजस्थान के कई जिलों में बीते 24 घंटों में हुई भारी बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। बारिश के कारण अजमेर, पुष्कर, बूंदी, सवाई माधोपुर और पाली जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। टोंक जिले के गोलरा गांव में 17 लोग बानस नदी में फंस गए थे, जिन्हें एसडीआरएफ ने सुरक्षित बाहर निकाला। वहीं अजमेर की अना सागर झील ओवरफ्लो हो गई है, लोग रेत से भरे बोरे रखकर पानी को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। सबसे ज्यादा बारिश बूंदी जिले के नैनवा में 234 मिमी, नागौर के मेड़ता शहर में 230 मिमी, और अजमेर के मंगल्या वास में 190 मिमी रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग के अनुसार, जोधपुर डिवीजन में आज भी भारी बारिश की संभावना है, जबकि जयपुर, कोटा और बीकानेर में बारिश की तीव्रता में कमी आएगी। 27-28 जुलाई को पूर्वी राजस्थान में फिर से भारी बारिश लौट सकती है।
उत्तराखंड में मौसम का रेड अलर्ट जारी
उत्तराखंड में रविवार को कुमाऊं क्षेत्र के नैनीताल, चंपावत और ऊधम सिंह नगर में रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं गढ़वाल क्षेत्र के देहरादून, टिहरी और पौड़ी के साथ-साथ बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही प्रशासन को सतर्क रहने और लोगों की आवाजाही पर नियंत्रण रखने के निर्देश दिए गए हैं। हिमालय की ऊंचाई वाले इलाकों में पर्यटकों की यात्रा पर रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में भी ऑरेंज अलर्ट
वहीं, हिमाचल प्रदेश के नौ जिलों में सोमवार और मंगलवार को भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। इसमें हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन, और सिरमौर जिले शामिल हैं। बारिश और लैंडस्लाइड समेत तमाम घटनाओं के कारण राज्य में अब तक 141 सड़कें बंद, 58 जल आपूर्ति योजनाएं और 28 पावर ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं। इस कड़ी में मंडी जिले में 94 और कुल्लू में 33 सड़कें बंद हैं।
केरल में उत्तर जिलों में रेड अलर्ट
केरल के मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में भारी बारिश को लेकर मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। कई ऊंचाई वाले क्षेत्रों और जलाशयों के पास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की तैयारी हो चुकी है। वहीं, कोझिकोड और वायनाड में शुक्रवार रात भारी बारिश हुई, शनिवार सुबह थोड़ी राहत मिली। जबकि अन्य जिले जैसे एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर और पलक्कड़ के लिए ऑरेंज अलर्ट है।
अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में भूस्खलन से जनजीवन बाधित
अरुणाचल प्रदेश के लोअर सियांग जिले में लगातार बारिश से कई जगहों पर सड़क संपर्क टूट गया है। जानकारी के मुताबिक, आलो-लिकाबाली सड़क कई स्थानों पर भूस्खलन से बंद हो गई है। एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग एवं ढांचा विकास निगम) को मलबा हटाने में परेशानी हो रही है क्योंकि इलाके में लगातार बारिश हो रही है। उधर, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के बीच नेशनल हाईवे-10 पर भी भूस्खलन और पत्थर गिरने से यातायात रुका हुआ है। कालिम्पोंग जिले के बिरिक दारा में मलबा हटाने का कार्य जारी है, उम्मीद है कि 24 घंटे में रास्ता साफ हो जाएगा।