Varanasi News: आजीविका जेहाद रोकना सनातन की सभी जातीयों का नैतिक कर्त्तव्य .कृष्णा नन्द पाण्डेय

Vishal Dubey
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“ धरोहर संरक्षण सेवा संगठन “ द्वारा सनातन विस्तार के उद्देश्य को लेकर अनवरत चल रहे “ संस्कृति संवाद यात्रा “ की बैठक का ( 33 वाँ पड़ाव ) सिटी माँटेंसरी बालिका इण्टर कालेज, सरायनन्दन खोजवा में आयोजित हुआ, 
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमुख समाज सेविका प्रियंवदा मिश्रा ने किया।
मुख्य वक्ता संगठन के प्रमुख संयोजक कृष्णा नन्द पाण्डेय ने कहा हमारी आजीविका को हमारे ऋषिओं ने हमारी संस्कृति से जोड़ा,जो सनातन कर्म संस्कृति को मजबूत करता था,सनातन धर्म में सभी जातीयों के लिए अपना अलग व्यवसाय था मुगलों और अंग्रेजों के कुचक्र में में फसकर हम अपने व्यवसाय को छोटा समझ कर छोड़ते गए और कमजोर हो गए,हमारे व्यवसाय पर विधर्मियों का कब्जा हो गया,दुनिया का कोई संविधान अपने एक एक लोगो को व्यवसाय नहीं दे सकता,हमारे शास्त्र का संविधान वर्तमान व भविष्य में अपने एक एक लोगो को व्यवसाय देने की गारण्टी देता था सनातन धर्म की हर जाति के लोगो को आगे आकर अपनी आजीविका को आजीविका जेहाद से बचाना होगा।वक्ताओं में अर्जुन मौर्य ने कहा जनसंख्या असन्तुलन धर्मान्तरण ,पलायन तीनों बहुत बड़ी समस्या है जिसको जनजागरण के द्वारा ही रोका जा सकता है अन्यथा सनातन कमजोर होगा, राकेश त्रिपाठी ने कहा सनातन है तभी संबिधान है सनातन है तभी भारत है,सनातन संस्कृति ही राष्ट्र व संविधान दोनों को मजबूत करेगी इसके लिए हर सनातनी को गम्भीरता से विचार करना होगा।विवेक चौहान ने कहा किसी राष्ट्र की संस्कृति उस राष्ट्र की प्राण होती है जहाँ हमारी संस्कृति कमजोर हुईं वो भू भाग इस राष्ट्र से अलग हो गया,सनातन धर्म को मजबूत करने के लिए सनातन संस्कृति को जानना होगा, हरिनाथ सिंह ने कहा संस्कृति ही हमारा आत्मगौरव है हर सनातनी को अपने संस्कृति के विस्तार के लिए एकजुट होकर कार्य करने की ज़रूरत है संस्कृति विस्तार से ही हर सनातनी को गर्व की अनुभूति होगी,इसके लिए हर व्यक्ति को सनातन विस्तार योद्धा बनना होगा ।   
कार्यक्रम मे प्रमुख रूप से सर्वश्री अशोक पाण्डेय,अरुण चौहान,विशाल दुबे, बबीता चौरसिया,”सुनील मिश्र , सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहे । 
कार्यक्रम का आयोजन केसरिया भारत की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रितिका दूबे ने किया, कुशल संचालन गौरव मिश्र ने किया, कार्यक्रम का समापन सामूहिक श्री हनुमान चालीसा पाठ से हुआ ।

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