वाराणसी जिले में खोजवां स्थित श्रीराम मंदिर ने 627 साल का इतिहास समेट रखा है। इस मंदिर का निर्माण 1398 में हुआ था और 1669 में औरंगजेब ने इसे ध्वस्त करा दिया। सन 1700 में फिर से मंदिर का निर्माण हुआ और अब इस मंदिर के पुनर्निर्माण की तैयारी है।
बृहस्पतिवार यानी आज आठ हजार स्क्वायर फीट में इस मंदिर के पुनर्निर्माण का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। जगद्गुरु रामकमलाचार्य वेदांती महाराज ने बताया कि केदारखंड में खोजवां का यह क्षेत्र काशी की अयोध्या के रूप में जाना जाता है।
जगद्गुरु रामानंदाचार्य की प्रेरणा से उनके शिष्य अनंतानंदाचार्य ने कश्मीर से आकर 1398 में राममंदिर का निर्माण कराया था। उनके साथ कश्मीर से 17 शिष्य भी आए थे। इस मंदिर में स्वामी नरेंद्रदास रहे। गोस्वामी तुलसीदास ने पांच साल तक यहां रहकर अध्ययन किया। उनके हाथ से लिखीं पांडुलिपियां आज भी मौजूद हैं।
औरंगजेब ने 1669 में तोड़ा था मंदिर
1669 में औरंगजेब ने जब काशी के मंदिरों को तोड़ा था, उसी दौरान इस मंदिर को भी ध्वस्त करा दिया था। मंदिर ध्वस्त करने के दौरान प्रस्तर की मूर्तियां तो टूट गईं लेकिन लक्ष्मी नारायण की मूर्तियां सुरक्षित रह गईं जो आज भी मौजूद हैं।
वेदांती महाराज ने बताया कि उस दौरान भक्तों के भारी विरोध के कारण यहां पर मस्जिद नहीं बन सकी थी। सन 1700 में दोबारा मंदिर का निर्माण संत सियाराम दास ने कराया था। वर्तमान मंदिर तीन सौ साल पुराना है। अब मंदिर का पुनर्निर्माण कराया जा रहा है।
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