Varanasi: काशी में माघ पूर्णिमा के पहले ही भक्तों का सैलाब, सड़क, घाट मंदिर सब फुल, बाबा विश्वनाथ के दर्शन को आधी रात लगी लंबी लाइन

Vishal Dubey
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वाराणसी। काशी में माघ पूर्णिमा के अवसर पर 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आनें की संभावना जताई जा रही है। पहले से ही बड़ी संख्या में भक्त काशी पहुंच चुके हैं, जिससे घाटों से लेकर मंदिरों तक लंबी कतारें लगी हुई हैं। भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। संयुक्त पुलिस आयुक्त डॉ. के. एजिलरसन और डीसीपी काशी गौरव बंसवाल खुद मोर्चा संभाले हुए हैं। गोदौलिया चौराहे पर श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने और उन्हें सही दिशा-निर्देश देने के लिए अधिकारी खुद मैदान में डटे हुए हैं।

प्रशासन की कड़ी निगरानी, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

डीसीपी गौरव बंसवाल नें बताया कि काशी में बढ़ती भीड़ को देखते हुए डिप्टी एसपी और एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारियों की तैनाती की गई है। पूरे शहर को जोन और सेक्टर में विभाजित कर पुलिस बल को तैनात किया गया है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एनडीआरएफ, पीएसी और जल पुलिस को घाटों और प्रमुख स्थलों पर तैनात किया गया है। भीड़ को नियंत्रित करने और किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है।


श्रद्धालुओं से पटी काशी, यातायात प्रभावित

महाकुंभ से लौटे श्रद्धालुओं की वजह से काशी की सड़कें और गलियां खचाखच भरी हुई हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाले हर मार्ग पर भक्तों का रेला उमड़ा हुआ है। गोदौलिया से लेकर चौक-मैदागिन तक हर तरफ सिर्फ भीड़ ही नजर आ रही है। अनुमान है कि मंगलवार को 15 लाख श्रद्धालु वाराणसी पहुंच चुके हैं, और यह संख्या रात तक 20 लाख के पार जा सकती है। वहीं, इससे पहले सोमवार की शाम गंगा आरती में भी करीब तीन लाख भक्त पहुंचे। 

हाईवे पर 20 किलोमीटर लंबा जाम, सफर हुआ मुश्किल


श्रद्धालुओं की भारी आमद के कारण वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर 20 किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। भदोही से वाराणसी और रोहनियां से मंडुवाडीह तक वाहन रेंगते नजर आए। पार्किंग स्थलों पर क्षमता से अधिक वाहन होनें के कारण स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो गई है। यूपी कॉलेज, कटिंग मेमोरियल, संपूर्णानंद विश्वविद्यालय और काशी विद्यापीठ समेत विभिन्न स्थानों पर हजारों वाहन खड़े हैं।

रविवार रात से सोमवार सुबह तक हाईवे पर जाम के चलते यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। आमतौर पर तीन घंटे में तय होनें वाला सफर 13 घंटे में पूरा हो रहा है। यात्रियों की थकान और लंबी कतारों से स्थिति और विकट हो गई है।

मंदिर मार्ग पर भक्तों की लंबी कतारें

काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। कतारें मैदागिन से चौक होते हुए मंदिर के गेट नंबर चार तक पहुंच गईं। मंदिर प्रशासन ने सुबह 2:45 बजे मंगला आरती के साथ बाबा के दर्शन शुरू कराए। घाटों पर सुबह से ही स्नान करने वालों की भीड़ जुटने लगी थी, और स्नान के बाद वे सीधे दर्शन के लिए कतार में शामिल हो गए। स्थानीय लोगों के मुताबिक, बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए सोमवार आधी रात को भी 3 किमी तक लाइन लगी रही।

रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर भी भारी भीड़, प्रशासन के लिए बना चुनौती

रेलवे स्टेशनों पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। कैंट और बनारस रेलवे स्टेशनों पर अयोध्या और प्रयागराज से आनें वाले तीर्थयात्रियों की भीड़ रही। इसके अलावा संत रविदास जयंती में शामिल होनें वाले श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में काशी पहुंचे। स्थिति यह थी कि मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के वातानुकूलित कोच तक तीर्थयात्रियों से भर गए, जिससे अफरातफरी मच गई।

यातायात को नियंत्रित करने के लिए बसों की पार्किंग शहर के बाहरी इलाकों में की गई है। आजमगढ़, जौनपुर और गाजीपुर से आनें वाली बसों को हरहुआ बस पार्किंग, रिंग रोड और कृषक इंटर कॉलेज के मैदान में रोका जा रहा है। प्रयागराज, मिर्जापुर और सोनभद्र से आनें वाली बसों को मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर ग्राउंड में पार्क किया गया है।

श्रद्धालु व्यवस्थाओं से संतुष्ट

दिल्ली से आए श्रद्धालु राजू नें बताया कि वाराणसी में प्रशासनिक व्यवस्थाएं काफी बेहतर हैं। उन्होंने प्रयागराज कुंभ में स्नान करने के बाद काशी में भी डुबकी लगाई और बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि जो लोग अव्यवस्था की अफवाह फैला रहे हैं, वे गलत हैं, क्योंकि यहां की व्यवस्थाएं बहुत सुचारु है।

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