Lucknow: डीएवी कॉलेज में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का अदभुत समापन लोग हुए भक्ति विभोर

Vishal Dubey
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      लखनऊ के डीएवी कॉलेज में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के समापन पर पुंडरीक गोस्वामी महाराज ने कहा कि व्यवहार अच्छा रखने के लिए शब्दों का चयन बहुत जरूरी होता है। जो लोग हर किसी के सामने अपने शब्दों को संभालकर या सोच समझकर बोलते हैं। वह सबके प्रिय होते हैं। ऐसे ही भगवान का भी सुंदर शब्दों के साथ तन, मन धन से स्मरण करना चाहिए। 

पुंडरीक महाराज ने कहा कि सात दिन तक चली यह कथा अब व्यास पीठ नगर में नहीं, बल्कि आपके भीतर लग जाएगी। आपकी स्मृति व्यास और उत्कंठा श्रोता बनेगी। स्मृति और उत्कंठा के बीच यह कथा अब आपके मन में शुरू होगी।

महाराज ने कहा कि जब गाय से दूध निकलता है तो वह छलकता है। लेकिन जब वही दूध दही बनता है तो कम छलकता है। जब दही से मक्खन बनता है तो वह बर्तन से चिपक जाता है। उसे उल्टा करने पर भी वह नहीं गिरता है। मेरा कृष्ण वही माखनचोर है। इसलिए कथा के असली हकदार वही श्रोता हैं, जो शुरू से आखिरी तक कथा का श्रवण करते हैं। पुंडरीक महाराज ने बलराम रेवती विवाह, पांडव युधिष्ठिर अर्जुन की कथा, सुभद्रा अर्जुन विवाह की कथा, जगन्नाथ और सुदामा आदि प्रसंगों का वर्णन किया। 
   इस मौके पर आयोजक अमरनाथ मिश्र, नवीन गुप्ता, लोकेश अग्रवाल, आनंद रस्तोगी, शिवर बंसल, राहुल गुप्ता, कुश मिश्रा, सुनील मिश्रा, मनोज राय आदि मौजूद रहे।
     इस मौके पुंडरीक महाराज द्वारा कुछ पंछियों को खुले आसमान में आजाद किया। या दृश्य बड़ा ही मनमोहक रहा।
   साथ ही महाराज द्वारा सिविल डिफेंस के हिन्दू और मुस्लिम वार्डेन्स को सम्मानित भी किया।

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