Varanasi News : शुक्रवार को व्रत रखेंगे मगरमच्छ, हिरण खाएंगे गुड़- अजवाइन; वन्य जीवों के खान-पान में हुआ बदलाव

Vishal Dubey
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गुलाबी ठंडक के एहसास के साथ ही सारनाथ मिनी जू में मौजूद वन्य जीवों के खान-पान में बदलाव किया गया है। जिससे उन्हें ठंड से बचाया जा सके। ठंड से बचाने के लिए चारे के साथ गुड़, खल और नमक भी दिया जाएगा। मांसाहारी जानवर मगरमच्छ को सप्ताह में छह दिन ही भोजन दिया जाएगा और शुक्रवार को कुछ भी खाने को नहीं दिया जाएगा।

खाने से लेकर रहने तक की व्यवस्था ठंड के अनुसार बनाने में सारनाथ मिनी जू प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। जानवरों के बाड़ों के आसपास गश्त बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही जीवों की डाइट में प्रोटीन, विटामिन, आयरन और कैल्शियम की प्रचुरता वाले तत्वों को बढ़ाया जा रहा है। कुछ समय बाद इनके बाड़े से निकलने और बंद होने के समय में भी बदलाव जाएगा।

प्रभागीय वनाधिकारी प्रवीण खरे ने बताया कि सारनाथ मिनी जू में मगरमच्छ, घड़ियाल, हवासील, सारस, सफेद सारस और जलीय पक्षियों को मांस दिया जाता है। मगरमच्छ, घड़ियाल, हवासील को रोजाना दो किलो, सारस, सफेद सारस सहित अन्य जलीय पक्षियों को रोजाना 300 ग्राम मांस दिया जाता है। मौसम बदलने के साथ ही इसमें कमी लाई जा रही है। ताकि इनका स्वास्थ्य सही रहे, क्योंकि यह ठंड में ज्यादा चलते नहीं है। जिससे इनका भोजन पच सके।

सारनाथ मिनी जू में सर्दी के मौसम में जिस स्थान पर या जिस शेड के नीचे वन्यजीव रात्रि में सोने जाते या रहते हैं उस स्थान पर पुआल की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। जिससे उनको ठंड से बचाया जा सके और मगरमच्छ, घड़ियाल के लिए अतिरिक्त बालू की व्यवस्था की जा रही है। छोटी पक्षियों के लिए गर्म पर्दे का इंतजाम किया जा रहा है। अन्य पक्षियों को भी उनके हिसाब से रहने के लिए व्यवस्था हो रही है।

मिनी जू में टिकट का दाम
सारनाथ मिनी जू का प्रवेश शुल्क 3 से 12 वर्ष के बच्चों का 10 रुपये, 12 वर्ष के ऊपर 20 रुपये है। इसके अलावा बात विदेशी पर्यटकों की तो एशियन देशों से आने वाले पर्यटकों को 50 और 100 रुपये कर दिया गया है।

इन-इन जानवरों को देख सकते हैं जू में
सारनाथ मिनी जू में स्थित डियर पार्क में फिलहाल सैकड़ों हिरण हैं। इसके अलावा यहां काला हिरण और दर्जनों बारहसिंगा भी मौजूद है। इतना ही नहीं मगरमच्छ, घड़ियाल, कछुओं की कई प्रजाति समेत कई विलुप्त होते जानवर भी यहां लोग देख सकते हैं। इन सब के अलावा यहां तोता, मैना, लाल चिड़िया, गौरैया सहित कई चिड़िया है। इतना ही नहीं, सारस, शुतुरमुर्ग, बगुला, हंस भी यहां बड़ी संख्या में मौजूद हैं।

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