अपना दल (एस) की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने 69 हजार शिक्षकों की भर्ती का मुद्दा न सुलझने के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के सामने हमने पिछड़ों-दलितों से जुड़े जो भी मुद्दे उठाए उनमें सभी के समाधान हो गए, लेकिन शिक्षक भर्ती का समाधान नहीं हुआ है। कहा, पिछड़ों-दलितों के मुद्दों को लेकर चुप नहीं बैठूंगी। सड़क से संसद तक यह मुद्दा उठाती रहूंगी। वे मंगलवार को पार्टी संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल की जयंती पर इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में हुए कार्यक्रम में बोल रही थीं।
जन स्वाभिमान दिवस के तौर पर हुए जयंती समारोह में उन्होंने कहा कि हमारे अनुरोध पर ही पीएम ने पिछड़ा वर्ग आयोग को सांविधानिक दर्जा दिया और विश्वविद्यालयों में 200 पॉइंट रोस्टर को बहाल किया। सैनिक, नवोदय और केंद्रीय विद्यालयों में पिछड़ों के बच्चों के लिए आरक्षण लागू किया। अब सिर्फ शिक्षक भर्ती का ही मुद्दा रह गया जिसका समाधान नहीं करा पाई हूं।
सपा का नाम लिए बगैर कहा कि लोकसभा चुनाव में संविधान और आरक्षण में बदलाव को लेकर भ्रम फैलाने वाले जब सत्ता में होते हैं तो इनको पीडीए की याद नहीं आती है। प्रदेश की सत्ता में चार बार रहने वालों को तब सामाजिक न्याय की बात याद नहीं आई। प्रमोशन में आरक्षण भी पीडीए हितैषी होने का दावा करने वालों ने ही किया था। इनके लिए पीडीए का नारा सिर्फ सत्ता पाने का हथियार है। ये लोग रंग बदलने में गिरगिट से भी तेज हैं।
ईवीएम से राजा पैदा होने पर दी सफाई
लोकसभा चुनाव के दौरान दिए ईवीएम से राजा पैदा होने वाले बयान से उठे विवाद पर सफाई देते हुए अनुप्रिया ने संविधान की प्रति दिखाते हुए कहा कि यह बात तो संविधान में भी लिखी है। इसी बात को हमने कह दिया तो कुछ लोगों को बुरा लग गया। जो बात बाबा साहेब ने संविधान में लिखा है, उसे कहने में गलत क्या है। इस बात को हम दोहराते रहेंगे।
सरकार में रहें या न रहें, वंचितों की आवाज उठाते रहेंगे : आशीष
पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि जुलाई में छुट्टी मनाइए। इसके बाद अगस्त से फिर से फील्ड में उतरकर काम करना है। उन्होंने संगठन को मजबूत करने के लिए नई कार्यकारिणी के गठन का भी एलान किया। कहा, जुलाई में नई कार्यकारिणी का गठन कर लिया जाएगा। सरकार में रहें या न रहें, लेकिन अपना दल हमेशा वंचितों के हक के लिए आवाज उठाता रहेगा।