Varanasi News : देह व्यापार का चर्चित मामला मुख्य अभियुक्त को मिली जमानत।

Vishal Dubey
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देह व्यापार के चर्चित मामले में "अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता राजन पांडे अनुराग गुप्ता वं अरुण मिश्रा ने पक्ष रखा "मुख्य अभियुक्त को मिली जमानत।

  दिनांक 22.12.2023 को प्रभारी निरीक्षक पुलिस कर्मचारीगण मुखबिर के साथ सरकारी वाहन व अपने साधन से मुखबीर के बताये गैस्ट हाउस के पास सडक पर पहुंचा तथा सहायक पुलिस आयुक्त भेलुपुर वाराणसी को अवगत कराया जिसपर सहायक पुलिस आयुक्त भेलूपुर वाराणसी श्री प्रवीण कुमार सिंह मय हमराह कांस्टेबल के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस बल फील्ड यूनिट व एसीपी के नेतृत्व में द्वितीय तल पर पहुंच कर पुलीस द्वारा सामने के पहले कमरे को खुलवाया गया तो एक व्यक्ति तथा एक लड़की नग्न अवस्था/आपत्तिजनक अवस्था में मौजूद थी जिन्हें बलिहाज पर्दा कपडे पहनने का मौका दिया गया तथा बाद पर्दा नाम पता पूछा गया तो लड़की ने अपना नाम तुमयला पुत्री इकरार निवासी सलमपुर मेट्रो अजीतनगर गली नं० 7 जुग्गी सलमान मस्जिद नई दिल्ली उम्र 21 वर्ष बतायी। लड़की की जामा तलाशी भौजूद महिला आरक्षी द्वारा ली गई  तथा लड़के ने अपना नाम दिलीप कुमार बित्व पुत्र रमेशचन्द्र बिन्द निवासी फुलवरिया थाना कैण्ट जनपद वाराणसी उम्र 33 वर्ष लगभग बताया तथा कमरे की तलाशी ली गयी। इसी क्रम में मौजूद सभी लड़कियों से पूछताछ किया गया तो सभी ने बताया कि हम लोगों की सागर और सरदार जी द्वारा मोबाइल से कांटेक्ट करके बुलाया जाता है तथा विभिन्न होटलों ग्राहकों के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करने एवं मौज मस्ती के लिए भेजा जाता है तथा आनलाइन पेमेन्ट किया जाता है। हम लोगों को होटल में कमरों की व्यवस्था, ग्राहक की व्यवस्था नागर व सरदार जी द्वारा की जाती है। सागर व सरदार जी द्वारा जिस होटल में जाने को कहा जाता है. वहां हम लोग उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये साधन से पहुँच जाते है। दिलीप कुमार बिन्द पूछताछ में बताया कि मुझे सागर द्वारा फोटो भेजा तथा अरोमा गेस्ट हाउस का एड्रेस भी दिया गया था तथा मेरे जैसे तमाम ग्राहकों की जब भी मौजमस्ती की इच्छा होती थी तो सरदार जी व सागर द्वारा व्यवस्था करायी जाती है। सभी लड़कियों द्वारा एक स्वर में बताया गया कि इस गेस्ट हाउस की भी व्यवस्था सागर व सरदार जी द्वारा ही किण गया था जो दोनों लोग कुछ देर पहले ही खाने का सामान लेने बाहर गये हुए है। जब सख्ती के साथ पूछताछ की गयी तो सामूहिक रूप से बतायी कि साहय हम लोग बहुत गरीब हैं। हम लोग वैश्यावृत्ति करके उससे रुपया प्राप्त होता है उसी से हम लोगों का खर्च चलता है। ग्राहक द्वारा जो पैसा हम लोगों को दिया जाता है। उसी में से सागर व सरदार जी अपना कमीशन लेते है तथा सभी लड़किया अपनी गलती की माफी मांगने लगी। पकडे गये आरोपियों  महिला व पुरुष को हिरासत में लिया गया।

अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता राजन पांडे अनुराग गुप्ता वं अरुण मिश्रा द्वारा जमानत हेतु तर्क प्रस्तुत किया गया  कि उसे झूठा फंसाया गया है। उसके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। वह नामित अभियुक्त नाहीं है। उसने मकान मालिक अविनाश कुमार पाण्डेय व कृष्णा पाण्डेय से उक्त गेस्ट हाउस चलाने के लिए एग्रीमेण्ट किया था तथा एक संचालक नियुक्त किया था जो गेस्ट हाउस का संचालन करता था। अभियुक्त महीने में एक बार आकर संचालक से हिसाब किताब करता था। उक्त कथित अपराध में उसका कोई हाथ नहीं है। वह उका गेस्ट हाउस में नहीं रहता था। उसकी सह-अभियुक्त से कोई टेलीफोनिक वार्ता नहीं हुई है। वह निर्दोष है। अतः जमानत पर रिहा किया जाये।

उभय पक्ष की बहस सुनी गयी एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

आदेश

अभियुक्त पंकज कुमार चौबे की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र तद्‌नु‌सार स्वीकार किया गया। अभियुक्त के द्वारा रू0 50,000/- (पचास हजार रुपये) का व्यक्तिगत
बंध पत्र व इतनी ही धनराशि के दो प्रतिभू दाखिल करने पर संबंधित न्यायालय की संतुष्टि केअधीन निम्न शर्तों पर जमानत पर रिहा किया गया।

1. अभियुक्त विचारण में सहयोग करेगा तथा अनावश्यक स्थगन प्रस्तुत नहीं करेगा। 2.

अभियुक्त मामले से संबंधित साक्षियों को आतंकित या प्रभावित नहीं करेगा।

3. अभियुक्त समान प्रकार के अपराध की पुनरावृत्ति नहीं करेगा।




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