देश के पहली अर्बन रोपवे परियोजना के दूसरे चरण का कार्य शुरू करने के लिए एनएचएलएमएल (नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड) ने कमर कस ली है, लेकिन निर्धारित रूट पर आई नई अड़चन ने इंजीनियरों के माथे पर बल ला दिया है। गोदौलिया से गिरिजाघर के मध्य गतिरोध बनी आधा दर्जन विभागों की संपत्तियों ने मुश्किल खड़ी कर दी है। वाराणसी विकास प्राधिकरण ने नया सर्वे पूरा किया है।
अब प्राथमिक ड्राइंग तैयार हाे चुकी है। वीडीए और एनएचएलएमएल के इंजीनियर ड्राइंग को अंतिम रूप देने में जुटे हैं, लेकिन इसमें आंशिक बदलाव होगा। रोपवे का एलाइनमेंट थोड़ा बदलेगा। जलकल, जल निगम, टेलीकाम और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम समेत कई विभागों को अपनी संपत्तियां अन्यत्र शिफ्ट करने के आदेश हुए हैं, लेकिन जलकल विभाग का कथन है कि पेयजल की लाइन तो वह हटा लेंगे लेकिन 250 सौ साल पुरानी सीवरलाइन की शिफ्टिंग किए जाने पर गंभीर समस्या हो सकती है।
गिरिजाघर और गोदौलिया के प्रस्तावित रोपवे स्टेशन के निकट शाही नाला और घोड़ा नाला के साथ ओल्ड ट्रंक सिस्टम को भी सुरक्षित रखना होगा। इस चुनौती के साथ प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारा जाएगा, इसलिए ड्राइंग में परिवर्तन होगा।