गंगा में चल रही नावों पर क्यूआर कोड लगेंगे। वहीं रूटवार कलर कोड निर्धारित होगा। जिससे पर्यटक अपने फोन से क्यूआर कोड स्कैन कर नाव के संचालक, घाट और उसकी क्षमता की जानकारी ले सकेंगे। यह बदलाव फरवरी से दिखने लगेंगे।
पर्यटकों को घाट से अपनी मंजिल तक पहुंचाने वाली नावें दिखने लगेंगी। साथ ही उन्हें नौका विहार का निर्धारित दर भी पता चलेगा। इसके लिए निगम गंगा में चल रही लाइसेंसी नावों का कलर कोड निर्धारित करने में जुटा है। इसके पहले सर्वे कर लाइसेंसी नावों को तीन जोन में बांटकर उनके रूट निर्धारण की कवायद की जा रही है। फरवरी माह से यह बदलाव दिखने लगेंगे।
नगर निगम की ओर से घाटों पर समितियों द्वारा आयोजित कार्यक्रम, नावों और उसके स्वामियों का सर्वे कराया जा रहा है। इसके बाद फरवरी माह से नावों पर मार्कर लगाने का काम शुरू होगा। मार्कर तीन रंगों में बड़े आकार के होंगे ताकि उन्हें दूर से देखा जा सके।
नावों का लाइसेंस जारी करने के साथ ही लोहे के प्लेट पर नंबर जारी करता है। नाविक उसपर पेंट पोत देते हैं इसकी वजह से वह पर्यटकों को दिखाई नहीं देता है। अब नगर निगम नावों पर रेडियम युक्त क्यूआर कोड वाला मार्कर लगाएगा। इस महीने यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
बंद होगा गैर लाइसेंसी नावों का संचालन
नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक सर्वे का उद्देश्य गंगा में गैर लाइसेंसी नावों का संचालन बंद करना है। इससे पर्यटकों को समस्या होती ही है वैध नाविकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा आए दिन पर्यटकों से अवैध रूप से वसूली की शिकायतें मिलती हैं।
क्यूआर कोड से तय होगी जवाबदेही
पर्यटक नावों पर क्यूआरकोड युक्त मार्कर को स्मार्ट फोन से स्कैन कर नाव के संचालक, घाट और उसकी क्षमता की जानकारी ले सकेंगे। इससे पर्यटकों को गफलत में डालने वालों पर नकेल कसी जा सकेगी। समस्या होने पर क्यूआर कोड से जानकारी लेकर पुलिस व नगर निगम नाविकों की जवाबदेही तय करेंगे।
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर निगम की ओर से इस व्यवस्था को लागू करने के लिए सर्वे किया जा रहा है। इसके लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार जोन व कलर कोड व्यवस्था लागू होगी। -राजेश अग्रवाल, अनुज्ञप्ति अधिकारी नगर निगम
ये भी जानें
कुल नावें 2500
कुल लाइसेंस वाली नावें 1200
बिना लाइसेंस वाली नावें 600
नावें जिनका लाइसेंस प्रक्रिया में 120
सीएनजी से चलने वाली नावें 650