बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में सप्तऋषि आरती के फर्जी टिकट बेचने वाले रैकेट का खुलासा हुआ है। मंदिर में दर्शन को आए 15 श्रद्धालुओं को ये फर्जी टिकट 500 रुपए से लेकर 800 रुपए तक में बेचे गए थे। पुलिस ने 4 लोगों के गिरोह को गिरफ्तार किया है। वहीं, इस मामले में कुल 6 लोगों के शामिल होने की बात सामने आ रही है। जिसमें मंदिर का हेल्प डेस्ककर्मी, गाइड, माला-फूल दुकानदार और बिना पास वाले 3 पंडे भी हैं। अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) संतोष कुमार सिंह ने कहा कि मंदिर के हेल्प डेस्क प्रभारी ने मंदिर के आउटसोर्सिंग हेल्पडेस्क कर्मी शुभम पांडेय, दुकानदार अरुण पांडेय, गाइड इरफान हैदर सोना अब्बास आलम, और चौथा शुभम अधिकारी के खिलाफ तहरीर दी है। वहीं, तीन आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
मंदिर प्रशासन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि इन दिनों मंदिर के सभी प्रवेश द्वारों पर मोबाइल ऐप स्कैनर से टिकट चेक किया जा रहा है। बीते कुछ दिनों से कुछ दलालों पर संदेह हो रहा था। आज सप्तऋषि आरती के लिए आए 15 श्रद्धालुओं टिकट की जांच करा रहे थे, तो बार कोड स्कैनिंग में टिकट इनवैलिड बताने लगा। इसकी भनक लगते ही हेल्प डेस्क प्रभारी को निर्देश देकर चौक थाने में तहरीर दी गई। पुलिस और मंदिर प्रशासन की संयुक्त जांच में मंदिर से 4 लोगों को रंगे हाथों पकड़ा गया। इन पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। अभी, दो आरोपियों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। बहरहाल, पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल किया। कहा कि सप्तऋषि आरती के जो टिकट नहीं बिकते थे, कंप्यूटर से उसके डेट और नंबर और डेट चेंज करके दूसरे श्रद्धालुओं को बेच देते थे। ACP संतोष सिंह ने बताया कि मंदिर में फर्जी टिकट के द्वारा दर्शन-पूजन, मंगला आरती और सप्तऋषि कराने की शिकायत की गई थी।
जो टिकट बुक नहीं होते थे, उनमें करते थे बदलाव
अभियुक्तों ने बताया कि जो टिकट बुक नहीं होते थे, उनके डेट वगैरह एडिट करके फिर से श्रद्धालुओं को चोरी से बेच दिया जाता था। श्रद्धालुओं को इसकी भनक तक नहीं लग पाती थी। यह इतनी सफाई से एडिट की जाती थी कि असली और नकली का फर्क पहचानना मुश्किल होता था। CEO सुनील वर्मा ने बताया कि मोबाइल ऐप से स्कैन करने पर पता चल जाएगा कि टिकट फर्जी है या असली। अब ऐसा कोई भी फर्जी टिकट नहीं बेच पाएगा। उन्होंने बताया कि ऐसा कृत्य करने वालों पर मंदिर प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जा रही है।