आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पार्टी के प्रभारी संजय सिंह लगातार उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार को अलग-अलग मुद्दों पर घेरते रहे हैं। आप यह भी जानती है कि आगामी चुनाव में भाजपा को सबसे बड़ी चुनौती सपा ही दे सकती है। इसलिए उसकी कोशिश समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की है।
संजय सिंह जुलाई में भी अखिलेश यादव से मिले थे। इस मुलाकात को उस समय भी खूब हवा दी गई थी। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन 22 नवंबर को भी संजय, अखिलेश से मिले थे। 23 नवंबर को सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव पर लिखी पुस्तक के विमोचन के मौके पर भी दोनों की मुलाकात हुई थी। बुधवार को फिर दोनों नेताओं की जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट के दफ्तर में बातचीत हुई।
आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में पैर जमाने के लिए समाजवादी पार्टी का साथ चाह रही है। हालांकि, अभी तक सीटों की संख्या तय नहीं है। अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा के कुशासन से उत्तर प्रदेश को मुक्त कराने के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से सार्थक मुलाकात हुई। हम दोनों के बीच समान मुद्दों पर रणनीतिक चर्चा हुई है।
संजय सिंह ने कहा कि हमारी प्राथमिकता भाजपा को हराना है। गठबंधन को लेकर जब भी कोई बात होगी तो उसकी जानकारी दी जाएगी। सीटों को लेकर भी अभी कोई बात नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि अखिलेश पहले ही कह चुके हैं कि उनकी पार्टी अबकी भाजपा को हराने के लिए छोटे दलों से ही गठबंधन करेगी। विदित हो कि पिछले विधानसभा चुनाव में सपा ने जहां कांग्रेस से वहीं लोकसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन किया था।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वह यूपी में छोटे दलों को साथ लेकर चुनाव लड़ेंगे।इसी क्रम में उन्होंने मंगलवार को राष्ट्रीय लोकदल को 36 सीटें देकर गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया है। इसके अलावा सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के साथ भी उनका चुनाव में मिलकर लड़ने की बात तय हो चुकी है। अखिलेश यादव ने केशव देव मौर्य के महान दल, डा. संजय सिंह चौहान की जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ पहले ही गठबंधन का ऐलान कर चुके हैं। बुधवार को अपना दल (कृष्णा गुट) के साथ गठबंधन पर चर्चा हुई है।