वाराणसी में बिचौलियों की सरपरस्ती में चल रहा अवैध बस स्टैंड, जानिए कितनी होती है अवैध कमाई | Bureau

Vishal Dubey
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प्रतिबंधित क्षेत्र में डग्गामारी मजबूरी नहीं, बल्कि आदत बन चुकी है। रोडवेज क्षेत्र से निजी वाहनों के संचालन की मोटी कमाई इतनी रास आ गई कि चार साल के अंदर आसपास इलाकों में छह नए अवैध स्टैंड विकसित हो गए। प्रतिबंधित क्षेत्र में संचालित अवैध वाहन स्टैंड की शिकायतों से जिम्मेदार अफसरों की किरकिरी भी हो चुकी है, लेकिन इस व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आया। एक दिन पूर्व मंगलवार को जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को आड़े हाथों लिया था। वाहनों की डग्गामारी पर संभागीय परिवहन आधिकारी से जवाब तलब किया था। इसके बावजूद इनपर अंकुश लगाने जैसी कार्रवाई की पहल नहीं दिख रही।

गौरतलब है कि कैंट स्टेशन के इर्दगिर्द अंतिम चार वर्षों पर गौर करें तो छह नए वाहन स्टैंड विकसित हो गए हैं।

रोडवेज बस स्टेशन के सामने फ्लाईओवर के नीचे खड़ी गाडियां यात्रियों को बिहार ले जाती है। रोडवेज क्षेत्रीय कार्यशाला के समीप विकसित बस स्टैंड से यात्रियों को बिहार और झारखंड भेजा जाता है। रोडवेज से चंद कदम दूर यूनियन बैंक के सामने प्रयागराज की छोटी गाडियों का कब्जा है। विभागीय सूत्रों की माने तो यहां स्थानीय थाने पर तैनात पुलिसकर्मी और यातायात विभाग के कर्मचारियों की गाडियां भी चलती है। कैंट स्टेशन के बाहर अनाधिकृत रूप से संचालित जौनपुर और आजमगढ़ की बसे यातायात व्यवस्था में अवरोध उत्पन्न करती है। इधर इंग्लिशिया लाइन फ्लाईओवर के नीचे और मालगोदम रोड पर चलने वाले वाहन स्टैंड व्यवस्था तंत्र पर सवाल खड़े करते हैं।


रोडवेज बस स्टेशन पर बिचौलिए का दबदबा : कैंट बस स्टेशन पर बिचौलियों का दबदबा काफी बढ़ रहा है। रोडवेज परिसर में जबरन घुसकर सवारी उठा रहे हैं। आलम ये है कि सवारियों के अभाव में इन दिनों रोडवेज का लोड फैक्टर घटने लगा। इसके चलते आय का ग्राफ गिरने लगा है। जो गत दो महीने पूर्व कमाई में अव्वल था।

कैंट रोडवेज बस स्टेशन की कमाई पर बिचौलिए सेंधमारी कर रहे हैं। तमाम कवायद के बाद भी इन पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा। इस समस्या से विभाग के पर्यवेक्षण कार्य से जुड़े कर्मचारी परेशान हैं, वहीं उच्चाधिकारियों को इसकी भनक भी नहीं लग रही।

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