भगवान श्रीकाशी विश्वनाथ के मंदिर से करीब सवा सौ साल पहले काशी से चोरी गई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति सोमवार को फिर उसी मंदिर में स्थापित होगी। सोमवार को प्रात: छह बजे से ही यहां पर पूजन का कार्यक्रम शुरु हो गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार के मंदिर में मूर्ति की पुनर्स्थापना करेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार रात वाराणसी आ गए थे। उनकी मौजूदगी में सोमवार सुबह मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके विधान श्रीकाशी विद्वत परिषद के निर्देशन में काशी विश्वनाथ मंदिर का 11 सदस्यीय अर्चक दल सुबह पांच बजे शुरू करेगा। मुख्य अनुष्ठान में सुबह 9.30 बजे खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यजमान बने। प्राण प्रतिष्ठा के बाद महाभोग अर्पित कर महाआरती की जाएगी और प्रसाद वितरित किया जाएगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में रविवार रात अफसरों से अन्नपूर्णा मूर्ति के स्वागत और प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों के बारे में जानकारी ली। सर्किट हाउस में विकास कार्य व कानून व्यवस्था की समीक्षा की और निरीक्षण पर निकले तो प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियां देखने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर जा पहुंचे। उस समय मंदिर में शयन आरती चल रही थी। ऐसे में दरवाजे पर से बाबा का दर्शन किया। ईशान कोण में बन कर तैयार मां अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर का निरीक्षण किया। पूजन विधान के बारे में जाना समझा और रात 11.15 बजे दुर्गाकुंड स्थित कूष्मांडा मंदिर गए। नई दिल्ली से आ रही मूर्ति को विश्राम के लिए कुंड की तरफ के बरामदे में रखा जाएगा। सीएम ने तय स्थान को देखा और मां कूष्मांडा का दर्शन पूजन किया। मूर्ति शाम को ही बनारस पहुंच जानी थी लेकिन रात लगभग एक बजे तक जौनपुर ही पहुंच पाई थी। ऐसे में मुख्यमंत्री लगभग दस मिनट तक व्यवस्था देखने के बाद रात्रि विश्राम के लिए सर्किट हाउस चले गए।
धर्मसभा को संबोधित करेंगे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्रीकाशी विश्वनाथ के आंगन में अन्नपूर्णेश्वरी को विराजमान कराने के बाद सुबह 10.30 बजे सिगरा स्थित रुद्राक्ष सम्मेलन केंद्र आएंगे। यहां धर्मसभा को संबोधित करेंगे। इसमें धर्माचार्यों के साथ ही धर्मानुरागी जन भी होंगे। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में आयोजित सभा करीब 11.45 बजे तक चलेगी। मूर्ति स्थापना का प्रसाद वितरण भी रुद्राक्ष में ही होगा। यहां सीएम धर्माचार्यों को सम्मानित भी करेंगे।