आगरा में हाईकोर्ट बैंच स्थापना की मांग को लेकर आगरा और आसपास के 10 जिलों के अधिवक्ताओं का आंदोलन तेज होता जा रहा है। केंद्रीय विधि मंत्री को ज्ञापन देने के बाद खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति के साथ बड़ी संख्या में आगरा मंडल के अधिवक्ता गुरूवार सुबह आठ बजे जेवर के लिए रवाना हो गए। अधिवक्ता जेवर में प्रधानमंत्री को ज्ञापन देने की तैयारी में है। इसके लिए अधिवक्ताओं ने पूरी तैयारी कर ली है। वहीं, अधिवक्ता आज न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे।
आगरा मंडल से जाएंगे 300 अधिवक्ता
आगरा में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना की मांग को लेकर अधिवक्ता लंबे समय से आंदोलनरत हैं। पिछले दिनों उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति ने आगरा आए केंद्रीय विधि मंत्री किरण रिजिजू को ज्ञापन दिया था। इसके बाद संघर्ष समिति ने 25 नवंबर को जेवर में जेवर एयरपोर्ट के शिलान्यास को आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन देने की रणनीति बनाई है। संघर्ष समिति के सचिव हेमंत भारद्वाज ने बताया कि आगरा-अलीगढ़ मंडल से 600 से ज्यादा अधिवक्ता गुरुवार सुबह आठ बजे जेवर के लिए प्रस्थान कर गए। बाकी अधिवक्ता अपने-अपने जिलों से पहुचेंगे। उन्होंने बताया कि आगरा से 100 से ज्यादा अधिवक्ता जेवर जा रहे हैं। इसके अलावा मथुरा-फिरोजाबाद, मैनपुरी, हाथरस, अलीगढ़, एटा व कासगंज से भी बड़ी संख्या में अधिवक्ता जेवर जाएंगे। उनका कहना है कि जेवर में प्रधानमंत्री को जस्टिस जसवंत आयोग की रिपोर्ट के साथ आगरा में बैंच स्थापना की मांग को लेकर ज्ञापन दिया जाएगा। जेवर जाने वालों में दुर्गविजय सिंह भइया, चौ. अजय सिंह, अधर शर्मा, अशोक भारद्वाज, रामप्रकाश शर्मा, विजय शर्मा आदि हैं।
मेरठ मंडल के अधिवक्ता से मिलेंगे केंद्रीय विधि मंत्री
हाईकोर्ट बैंच की मांग को लेकर मेरठ के अधिवक्ता भी आंदोलनरत हैं। वो मेरठ में बैंच स्थापना की मांग कर रहे हैं। मेरठ और आसपास के जिलों के प्रतिनिधिमंडल को केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू की ओर से मुलाकात के लिए 27 नवंबर को बुलाया गया है। इस मुलाकात पर अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओं की नजर है।
1956 से उठ रही आगरा में हाईकोर्ट बैंच की मांग
आगरा में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना को लेकर अधिवक्ता लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। आगरा में यह आंदोलन 1956 से चल रहा है। नेशनल कांफ्रेंस लॉयर्स ने खंडपीठ स्थापना की मांग उठाई थी। वरिष्ठ अधिवक्ता पीयूष शर्मा ने बताया कि इसको लेकर अधिवक्ताओं ने दिल्ली तक मार्च निकाला था। इंदिरा गांधी सरकार में 1981 को जसवंत आयोग का गठन किया गया था। आयोग ने 1985 में अपनी संस्तुति आगरा के पक्ष में देते हुए रिपोर्ट केंद्र सरकार को दी थी। तब से लेकर आज तक हाईकोर्ट खंडपीठ की मांग पूरी नहीं हो सकी है। अधिवक्ता इस रिपोर्ट का हवाला देकर ही खंडपीठ की मांग कर रहे हैं। 26 सितंबर 2001 में खंडपीठ की मांग कर रहे अधिवक्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। इसमें बड़ी संख्या में अधिवक्ता घायल हुए थे।